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Articles by करेन पिम्पो

हमेशा भरोसेमंद

मैं एक चिंता करने वाली व्यक्ति हूँ। शुरुआती सुबह सबसे खराब होती है क्योंकि मैं अपने विचारों के साथ अकेली होती हूं। इसलिए मैंने अपने बाथरूम के शीशे पर हडसन टेलर (चीन के लिए एक ब्रिटिश मिशनरी) के इस उद्धरण को टेप किया, जहां मैं इसे तब देख सकती हूं जब मैं कमजोर महसूस कर रही हूं: "एक जीवित परमेश्वर है। उन्होंने बाइबिल में बात की है। वह जो कहते है वो करते है और वह अपने सब वयादो को पूरा करते है।”

टेलर के शब्द परमेश्वर के साथ चलने के वर्षों से आए हैं और हमें याद दिलाते हैं कि वह कौन है और वह हमारे बीमारी, गरीबी, अकेलेपन और दुःख के समय में क्या कर सकता है। वह केवल यह नहीं जानते थे कि परमेश्वर भरोसे के योग्य है—उन्होंने उसकी विश्वासयोग्यता का अनुभव किया था। और क्योंकि उन्होंने परमेश्वर के वादों पर भरोसा किया था और उसकी आज्ञा मानी थी, हजारों चीनी लोगों ने यीशु को अपना जीवन दिया।

परमेश्वर और उसके तरीकों का अनुभव करने से दाऊद को यह जानने में मदद मिली कि वह भरोसेमंद है। उसने भजन 145 लिखा, परमेश्वर की स्तुति का एक गीत जिसे उसने अनुभव किया कि वह अच्छा, दयालु और अपने सभी वादों के प्रति वफादार है। जब हम परमेश्वर पर भरोसा करते हैं और उसका अनुसरण करते हैं, तो हम महसूस करते हैं (या बेहतर समझते हैं) कि वह वही है जो वह कहता है कि वह है और वह अपने वचन के प्रति विश्वासयोग्य है (पद. 13)। और, दाऊद की तरह, हम उसकी स्तुति करने और दूसरों को उसके बारे में बताने के द्वारा प्रत्युत्तर देते हैं (पद. 10−12)।

जब हम चिंताजनक समय का सामना करते हैं, तो परमेश्वर हमारी सहायता कर सकता है कि हम उसके साथ चलने में न डगमगाएं, क्योंकि वह भरोसे के योग्य है (इब्रानियों 10:23)।

भविष्य के लिए विश्वासयोग्यता

सारा ने अपनी मां को तब खो दिया जब वह सिर्फ चौदह साल की थीं। वह और उसके भाई-बहन जल्द ही अपना घर खो बैठे और बेघर हो गए। वर्षों बाद, सारा भविष्य में अपने बच्चों को एक ऐसी विरासत प्रदान करना चाहती थी जो पीढ़ी-दर-पीढ़ी आगे बढ़ सके। उसने एक घर खरीदने के लिए कड़ी मेहनत की, अपने परिवार को वह स्थिर घर दिया जो उसके पास कभी नहीं था।

भविष्य की पीढ़ियों के लिए घर में निवेश करना उस भविष्य के प्रति विश्वास का कार्य है जिसे आपने अभी तक नहीं देखा है। बेबीलोनियों द्वारा यरूशलेम की हिंसक घेराबंदी से ठीक पहले परमेश्वर ने भविष्यद्वक्ता यिर्मयाह को भूमि खरीदने के लिए कहा (यिर्मयाह 32:6-12)। भविष्यवक्ता के लिए, परमेश्वर के निर्देशों का अर्थ समझना थोड़ा मुश्किल था। जल्द ही उनकी सारी संपत्ति और सामान जब्त होने वाला था।

परन्तु परमेश्वर ने यिर्मयाह को यह प्रतिज्ञा दी: "जैसे मैं ने इस प्रजा पर यह सब बड़ी विपत्ति डाली है, वैसे ही मैं इन से अपना वचन भी पूरा करूंगा" (पद. 42)। भविष्यवक्ता का संपत्ति में निवेश किसी दिन इस्राएलियों को उनकी मातृभूमि में पुनर्स्थापित करने के लिए परमेश्वर की विश्वासयोग्यता का भौतिक चिन्ह था। एक भयानक हमले के बीच भी, परमेश्वर ने अपने लोगों से वादा किया था कि शांति फिर से आएगी - घरों और संपत्ति को फिर से खरीदा और बेचा जाएगा (पद. 43-44)।

आज हम परमेश्वर की विश्वासयोग्यता पर अपना भरोसा रख सकते हैं और विश्वास में "निवेश" करना चुन सकते हैं। यद्यपि हम हर परिस्तिथि की सांसारिक नवीनीकरण नहीं देख सकते हैं, हमारे पास आश्वासन है कि वह एक दिन सब कुछ ठीक कर देगा।

परमेश्वर में आश्वस्त विश्राम

फ़ुजियान, चीन में शोधकर्ता गहन देखभाल इकाई(ICU) के मरीजों को अधिक अच्छी तरह से सोने में मदद करना चाहते थे l उन्होंने सिमुलेटेड/simulated ICU वातावरण (किसी वास्तविक चीज़,प्रक्रम या कार्यकलाप का किसी अन्य विधि से नक़ल करना)में परीक्षण मरीजों पर नींद में सहायक(sleep aids) के प्रभावों को मापा, तेज/साफ़, अस्पताल-ग्रेड प्रकाश व्यवस्था और मशीनों की बीप की आवाज़ और नर्सों की बातचीत की ऑडियो रिकॉर्डिंग की l उनके शोध से पता चला कि स्लीप मास्क(sleep mask) और ईयर प्लग(ear plug) जैसे उपकरणों ने उनके मरीजों के आराम में सुधार किया l लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि वास्विक ICU में वास्तव में बीमार मरीजों के लिए, शांतिपूर्ण नींद अभी भी मुश्किल होगी l 

जब हमारा संसार संकट में है, तो हम विश्राम कैसे पा सकते हैं? बाइबल स्पष्ट है : उनके लिए शांति है जो परमेश्वर पर भरोसा करते हैं, चाहे उनकी परिस्थितियाँ कैसी भी हों l नबी यशायाह ने भविष्य के समय के बारे में लिखा जब प्राचीन इस्राएलियों को कठिनाई के बाद पुनर्स्थापित किया जाएगा l वे नगर में निडर बसे रहेंगे, क्योंकि वे जानते थे, कि परमेश्वर ने उसे सुरक्षित किया है (यशायाह 26:1)  वे भरोसा करेंगे कि वह उनके चारों ओर के संसार में भलाई लाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा था—“वह ऊँचे पदवाले को झुका देता [है],” उत्पीड़ितों को ऊँचा  उठाता है, और न्याय लाता है (पद.5-6) वे जानेंगे कि “यहोवा सनातन चट्टान है,” और वे हमेशा के लिए उस पर भरोसा रख सकते थे (पद.4) 

यशायाह ने लिखा, “जिसका मन तुझ में धीरज धरे हुए है, उसकी तू पूर्ण शांति के साथ रक्षा करता है, क्योंकि वह तुझ पर भरोसा रखता है” (पद.3) परमेश्वर आज भी हमें शांति और विश्राम प्रदान कर सकता है l हम उसके प्रेम और शक्ति की निश्चयता में आराम कर सकते हैं, चाहे हमारे आसपास कुछ भी हो रहा हो l

एक अनर्जित उपहार

हाल ही में जब मेरी सहेली ने मुझे एक उपहार दिया तो मैं हैरान रह गयी। मुझे नहीं लगता था कि मैं उससे इतने अच्छे उपहार पाने की हकदार हूं। मेरे काम के कुछ तनाव के बारे में सुनने के बाद उसने इसे भेजा था। फिर भी वह एक वृद्ध माता-पिता, चुनौतीपूर्ण बच्चों, काम में उथल-पुथल, और अपनी शादी में तनाव के साथ, अगर अधिक नहीं तो उतने ही तनाव से गुजर रही थी। मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि उसने स्वयं के बारे में सोचने से पहले मेरे बारे में सोचा था, और उसके साधारण उपहार ने मेरी आँख में आंसू ला दिए थे।

सच में, हम सभी उस उपहार के प्राप्तकर्ता हैं जिसके हम कभी हकदार नहीं हो सकते। पौलुस ने इसे इस तरह से कहा : "मसीह यीशु पापियों का उद्धार करने के लिये जगत में आया - जिनमें सबसे बड़ा मैं हूँ" (1 तीमुथियुस 1:15) हालाँकि वह “एक समय निन्दा करनेवाला, और सतानेवाला, और क्रूर मनुष्य था, . . . हमारे प्रभु का अनुग्रह [उस पर] बहुतायत से उण्डेला गया” (पद. 13-14) पुनुरुत्थित यीशु ने पौलुस को अनुग्रह के मुफ्त उपहार की गहरी समझ दी। परिणामस्वरूप, उसने सीखा कि उस उपहार का अनर्जित प्राप्तकर्ता होने का क्या मतलब है और वह परमेश्वर के प्रेम का एक शक्तिशाली साधन बन गया और उसने बहुत से लोगों को बताया कि परमेश्वर ने उसके लिए क्या किया है।

यह केवल परमेश्वर के अनुग्रह के द्वारा ही है कि हम निंदा के बदले प्रेम और न्याय के बदले दया प्राप्त करते हैं। आज, आइए उस अनर्जित/अपात्र अनुग्रह का उत्सव मनाएं जो परमेश्वर ने दिया है और दूसरों को उस अनुग्रह को प्रदर्शित करने के तरीकों की तलाश में रहें।

तृप्त हो जाओ

डॉ• मार्टिन लूथर किंग जूनियर की भीषण हत्या उस समय हुई थी जब 1960 के अमेरिकी नागरिक अधिकार आंदोलन बुलंदी पर था। लेकिन सिर्फ चार दिन बाद, उनकी विधवा कोरेटा स्कॉट किंग ने साहसपूर्वक अपने पति की जगह ले ली, और एक शांतिपूर्ण विरोध जुलुस का नेतृत्व किया। कोरेटा में न्याय के प्रति गहरी लगन थी और वह कई  अभियानों की प्रबल समर्थक थी।

यीशु ने कहा, “धन्य हैं वे जो  धार्मिकता के भूखे और प्यासे हैं, क्योंकि वे तृप्त होंगे” (मत्ती 5:6)। हम जानते हैं कि किसी दिन परमेश्वर न्याय देने और हर गलत को सही करने के लिए आएगा, लेकिन उस समय तक हमारे पास, कोरेटा की तरह ही, पृथ्वी पर परमेश्वर के न्याय को एक वास्तविकता बनाने के काम में भाग लेने का अवसर है। यशायाह 58 में परमेश्वर अपने लोगों को जो करने के लिए बुलाता है, इसका एक स्पष्ट  चित्र चित्रित करता है: अन्याय सहने वालों का जुआ तोड़ो, उत्पीड़ितों को मुक्त करो, भूखे के साथ अपना भोजन साझा करो, मारे मारे फिरते हुये को आश्रय दो, नंगे को वस्त्र पहिनाओ, और उन लोगों से जिन्हें सहायता की आवश्यकता है दूर मत हो जाना  (पद 6–7)। उत्पीड़ित और कमजोर लोगों के लिए न्याय की तलाश करना एक तरीका है जिससे हमारा जीवन ईश्वर की ओर इशारा करता है। यशायाह लिखता है कि  न्याय की खोज करने वाले उसके लोग भोर के प्रकाश की तरह हैं और उनके लिए और साथ ही दूसरों के लिए भी चंगाई का परिणाम है (पद 8)।

आज, परमेश्वर हमें यहाँ पृथ्वी पर अपनी धार्मिकता के लिए भूख (लालसा) पैदा करने में मदद करें। जब हम उसके तरीके से और उसकी शक्ति में न्याय की तलाश करते हैं, तो बाइबल कहती है कि हम संतुष्ट होंगे।

भार हल्का करें

जब हमारे नवगठित बाइबल अध्ययन में जुड़ी महिलाएँ कई त्रासदियों का सामना कर रही थी, हमने अचानक खुद को गहरे व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए पाया। पिता के खोने का सामना, तलाक के बाद शादी की सालगिरह का दर्द, पूरी तरह से बहरे बच्चे का जन्म, आपातकालीन कक्ष में बच्चे को लाने के लिए दौड़ का अनुभव-यह अकेले उठाना किसी के लिए भी बहुत ज्यादा था। प्रत्येक व्यक्ति की भेद्यता के कारण अधिक पारदर्शिता आई। हम एक साथ रोये और प्रार्थना की, और जो अजनबियों के समूह के रूप में शुरू हुआ था कुछ ही हफ्तों में करीबी मित्रों का एक समूह हो गया.. 

कलीसिया के देह के अंग के रूप में, यीशु में विश्वासी लोगों के पास उनकी पीड़ा में गहरे और व्यक्तिगत रूप से आने में सक्षम हैं। संबंधपरक संबंध जो मसीह में भाइयों और बहनों को एक साथ बांधता है इस बात पर निर्भर नहीं हैं कि हममें क्या समानताएं है या हम एक-दूसरे को कितने समय से जानते हैं। इसके बदले हम वह करते हैं, जिसे पौलुस “तुम एक दूसरे का भार उठाओ” (v. 2) कहता है। परमेश्वर की सामर्थ्य पर भरोसा करते हुए, हम सुनते, सहानुभूति रखते, जहां हम मदद कर सकते हैं करते हैं, और हम प्रार्थना करते हैं। हम “इसलिये जहाँ तक अवसर मिले हम सब के साथ भलाई करें, विशेष करके विश्‍वासी भाइयों के साथ” (v.10) के तरीके ढूंढ सकते हैं। पौलुस कहता है कि जब हम ऐसा करते हैं, तो हम मसीह की व्यवस्था को पूरा करते हैं (v.2): परमेश्वर से और अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रखने के लिए। जिन्दगी का बोझ भारी हो सकता है, लेकिन उन्होंने हमें उस बोझ को हल्का करने के लिए हमारे कलीसिया का  परिवार दिया है।

करुणा को चुनना

बर्फ से संबंधित हादसों का पांच मिनट का संग्रहित चित्र एक टीवी शो के एक एपिसोड का केंद्रीय हिस्सा था। लोगों के छतों से स्कीइंग करते हुए, ट्यूबिंग करते समय वस्तुओं से टकराते हुए, और बर्फ पर फिसलते हुए लोगों के घरेलू वीडियोने स्टूडियो के दर्शकों और घर पर देखने वाले लोगों से हँसी और तालियाँ बटोरीं। हँसी सबसे तेज़ तब लग रही थी जब ऐसा प्रतीत हुआ कि जिन लोगों का सफाया हुआ है वे अपने स्वयं के मूर्ख व्यवहार के कारण इसके लायक हैं।

मजेदार घरेलू वीडियो कोई बुरी बात नहीं है, लेकिन वे हमारे बारे में कुछ प्रकट कर सकते हैं: हम दूसरों पर हंसने या दूसरों की कठिनाइयों का लाभ उठाने के लिए प्रवृत्त हो सकते हैं। ऐसी ही एक कहानी ओबद्याह में दो विरोधी राष्ट्रों, इस्राएल और एदोम के बारे में पायी जाती है। जब परमेश्वर ने इस्राएल को उनके पाप का दण्ड देना उचित समझा, तब एदोम आनन्दित हुआ। उन्होंने इस्राएलियों का लाभ उठाया, उनके नगरों को लूटा, उनके बच कर भागने को नाकाम किया, और उनके शत्रुओं का समर्थन किया (ओबद्याह 1:13-14)। भविष्यद्वक्ता ओबद्याह के द्वारा एदोम को चेतावनी का एक शब्द आया: "उचित नहीं ..भाई के ..विपत्ति के दिन में ...और संकट के दिन बड़ा बोल बोलता..," "क्योंकि सारी जातियों पर यहोवा के दिन का आना निकट है" (पद 12,15)।

जब हम दूसरों की चुनौतियों या पीड़ाओं को देखते हैं, भले ही ऐसा लगता है कि वे इसे खुद अपने ऊपर लाए हैं, फिर भी हमें घमंड के जगह दया को चुनना है। हम दूसरों का न्याय करने की स्थिति में नहीं हैं। केवल परमेश्वर ही ऐसा कर सकता है। इस संसार का राज्य उसी का है (पद 21)—वह अकेला न्याय और दया की सामर्थ रखता है।

परमेश्वर पर नियंत्रण छोड़ना

एक शक्तिशाली ओक के पेड़ की कल्पना करें जो कि रसोई की मेज पर फिट होने के लिए प्रयाप्त छोटा है। यह एक बोन्साई जैसा दिखता है - एक सुंदर सजावटी पेड़ जो आपको प्रकृति में मिलता है उसका छोटा रूप। बोन्साई और उसके पूर्ण आकार के समकक्ष के बीच कोई आनुवंशिक अंतर नहीं है। यह बस इतना है कि एक उथला मटका, छंटाई और जड़ की छंटाई विकास को प्रतिबंधित करती है, इसलिए पौधा छोटा रहता है।

जबकि बोन्साई पेड़ अद्भुत सजावटी पौधे बनाते हैं, वे नियंत्रण की शक्ति का भी वर्णन करते हैं। यह सच है कि हम उनके विकास में जोड़तोड़ कर सकते हैं क्योंकि पेड़ उनके पर्यावरण के प्रति प्रतिक्रिया करते हैं, लेकिन अंततः ईश्वर ही है जो चीजों को विकसित करता है।

परमेश्वर ने भविष्यद्वक्ता यहेजकेल से इस प्रकार बात की: "मैं यहोवा ऊँचे वृक्ष को गिराता हूँ, और नीचे के वृक्ष को ऊँचा करता हूँ" (यहेजकेल १७:२४)। परमेश्वर भविष्य की घटनाओं का पूर्वाभास कर रहा था जब वह बाबुलियों को आक्रमण करने की अनुमति देकर इस्राएल राष्ट्र को "उखाड़" देगा। हालाँकि, भविष्य में, परमेश्वर इस्राएल में एक नया पेड़ लगाएगा जो फल देगा, जिसमें "हर प्रकार के पक्षी" उसकी शाखाओं की छाया में आश्रय पाएंगे (पद २३)। परमेश्वर ने कहा कि आने वाली कितनी भी घटनाएँ नियंत्रण से बाहर लग रही हों, फिर भी वह प्रभारी है।

दुनिया हमसे कहती है कि हम तोड़मोड़ करके और अपनी मेहनत से अपनी परिस्थितियों को नियंत्रित करने का प्रयास करें। लेकिन सच्ची शांति और फलता-संपन्नता उसी पर नियंत्रण छोड़ने से मिलता है जो पेड़ों को बढ़ाता है।

 

जीवन देने वाला सुधार

श्रेया ने कहा, "दुर्भाग्य से, हमने हाल ही में बहुत कठिन बातचीत की थी।" "मुझे नहीं लगता कि हम दोनों में से किसी ने इसका आनंद लिया होगा, लेकिन मुझे वास्तव में लगा की उसके रवैये और कार्यों पर ध्यान देने की जरूरत है ताकि उसके आसपास के लोगों को चोट न पहुंचे।" श्रेया उस युवती के बारे में बात कर रही थी जिसकी वह एक सलहाकार है। हालांकि असुविधाजनक थी, पर उनकी बातचीत फलदायी रही और वास्तव में उनके रिश्ते को मजबूत किया। कुछ ही हफ्तों बाद, दोनों महिलाओं ने नम्रता के विषय पर साथ में एक चर्च-व्यापी प्रार्थना समय का नेतृत्व किया।

औपचारिक परामर्श संबंध के बाहर भी, हम मसीह में एक भाई या बहन के साथ कुछ कठिन बातचीत का सामना कर सकते है। नीतिवचन में, जो कालातीत ज्ञान से भरी पुस्तक है, सुधार देने और प्राप्त करने में नम्रता के  महत्व के विषय को दोहराती है। वास्तव में, रचनात्मक आलोचना को "जीवन देने वाला" कहा जाता है और यह सच्चे ज्ञान  की ओर ले जाता है (नीतिवचन १५:३१)। नीतिवचन १५:५ कहता है कि मूर्ख अनुशासन को ठुकराता है, परन्तु जो डाँट को मानता है, वह चतुर हो जाता है। स्पष्ट रूप से कहें, "जो सुधार से बैर रखता है, वह मर जाता है" (पद १०)। जैसा कि श्रेया ने देखा, प्रेम में बोला गया सच एक रिश्ते में नई जान ला सकता है।

क्या आपके जीवन में कोई है जिससे प्रेमपूर्ण, जीवनदायिनी सुधार की बात कही जानी चाहिए ? या हो सकता है कि आपको हाल ही में बुद्धिमान फटकार दी गई हो और आप क्रोध या उदासीनता के साथ जवाब देने की परीक्षा में पड़े हो। अनुशासन की अवहेलना करना स्वयं का तिरस्कार करना है, परन्तु जो डाँट को सुनता है, वह बुद्धि प्राप्त करता है (पद ३२)। आइए हम परमेश्वर से प्रार्थना करें की वह आज हमारी नम्रता के साथ सुधार देने और प्राप्त करने में सहायता करे।